लोकप्रिय पोस्ट

रविवार, 18 मार्च 2012

मौसम

आज मौसम एक बडा सैलाब लेके आया है ।

हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा देखो छाया है ॥

जीस्त पे भारी पडा हे एक ही पल का ये कहर ।

साथ अपने आंधी में दुनिया बहा के लाया है ॥

पल दो पल में ओझल हुई शहरो की रोनक कहां ।

सोचते हे हम क्या खोया हे हमने , क्या पाया है ॥

२७-२-२०१२

फूल

पत्थरो में तरासा है प्यार को ।

फूल मुरजा जाते है पल दो पल में ॥

दुनिया को दी है निशानी प्यार की ।

खुश्बु लूटा जाते है पल दो पल में ॥

लोग सदियों से यहां आते है ओर ।

चैनो-सुकु पाते है पल दो पल में ॥

३-३-२०१२

छांव

छांव में धूप को तरसुं ।

बूढा हुं रुप को तरसुं ॥

है मन पर बोझ बड़ा भारी

शिखरों में कूप को तरसुं ॥

कैसा नादां हुं दुनिया में ।

फ़ज़ल के सूप को तरसुं ॥

कृपा


१८-२-२०१२