आज मौसम एक बडा सैलाब लेके आया है ।
हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा देखो छाया है ॥
जीस्त पे भारी पडा हे एक ही पल का ये कहर ।
साथ अपने आंधी में दुनिया बहा के लाया है ॥
पल दो पल में ओझल हुई शहरो की रोनक कहां ।
सोचते हे हम क्या खोया हे हमने , क्या पाया है ॥
२७-२-२०१२